पशुओं की माँगें
हाथी- फ़ैशन डिजायनर
हमारे बारे में भी सोचें |
चूहा- हमें भी
कार्टून शो में जगह मिले |
बारहसिंगा- बाटा के जूते हमारे पैरों के नाप में
भी मिलें |
मकड़ी- हमारे रेशों को भी रेशम जैसी पहचान
मिले |
गाय- हर जगह से डंडे खाती पर भूख से मैं न
हारी,
आज भी हूँ शाकाहारी,
हमारे लिये नए
रेस्टोरेंट बनबाए जाएँ |
- यशिका पाठक (8 वर्ष )
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